शापित चुड़ैल का भयानक अंत

रीटा की कहानी कुछ साल पहले असम में शुरू हुई, जहाँ उसकी माँ ने काले जादू की दुनिया में गहरी पैठ बना ली थी। हर अमावस की काली रात को, वह जंगल के भीतर एक गुप्त स्थान पर भयानक अनुष्ठान करती। बेगुनाह जानवरों की बलि देने से लेकर मासूम लोगों और बच्चों को क्रूरता से मारने तक, उसकी हैवानियत की कोई सीमा न थी। लोग उसे चुड़ैल कहने लगे थे, उसके काले कारनामों और उस पर बरसते अभिशापों के कारण। रीटा की माँ का एकमात्र उद्देश्य काली शक्तियों को वश में करना और उनसे लोगों पर कहर बरपाना था।

एक दिन रीटा ने अपनी माँ के भयानक जीवन को पीछे छोड़ दिया और अपनी पसंद के लड़के से शादी करके एक नई शुरुआत की। लेकिन रीटा की माँ की राक्षसी प्रवृत्ति में कोई बदलाव नहीं आया। उसकी काली शक्तियों की भूख बढ़ती गई, और वह दुनिया पर राज करने के सपने देखने लगी। इस जुनून में उसने और भी कई मासूमों की बलि चढ़ाई, बिना किसी डर या पश्चाताप के। भगवान के नाम से भी वह कोसों दूर थी, किसी पवित्र स्थान पर जाना तो दूर की बात थी। धीरे-धीरे, उसके क्रूर कृत्यों के कारण वह पूरी तरह अकेली पड़ गई, पर फिर भी बेलगाम होकर अपनी काली शक्तियों का दुरुपयोग करती रही।

लेकिन बुराई का साम्राज्य कभी हमेशा नहीं रहता। शायद रीटा की माँ कर्मों के न्याय और उनके भयावह परिणाम को भूल चुकी थी। एक दिन, उसका शरीर अचानक जवाब दे गया; वह लकवाग्रस्त हो गई। उसकी सारी काली शक्तियाँ, जिन पर उसे इतना घमंड था, इस बार उसका साथ छोड़ गईं। कोई उसकी परवाह करने वाला नहीं था, और डॉक्टरों के आने से पहले ही उसकी हालत बद से बदतर होती चली गई। यह एक ऐसी यातना थी, जो उसने दूसरों को दी थी, अब उसे खुद भुगतनी पड़ रही थी।

जिन्हें उसने अपने वश में किया था, वे सारी दुष्ट आत्माएँ और प्रेत अब उस पर ही टूट पड़े। जिन मासूमों की बलि उसने दी थी, उनकी चीखती हुई आत्माएँ अब रीटा की माँ के शरीर को नोच रही थीं। धीरे-धीरे, उसके जीवित शरीर में कीड़े रेंगने लगे, उसकी त्वचा गलने लगी। यह नजारा इतना खौफनाक था कि दूर-दूर से लोग उसकी हालत देखकर सिहर उठते थे। कोई भी डॉक्टर उसके पास जाने को तैयार न था। सब कहते थे, “इस चुड़ैल का यही हश्र होना था। अब उसकी ही काली शक्तियाँ उसे लील रही हैं। भगवान की लाठी में आवाज़ नहीं होती, पर जब चलती है तो सीधे लगती है।”

कुछ दिनों की असहनीय पीड़ा के बाद, रीटा की माँ ने अंततः दम तोड़ दिया। उसकी आखिरी साँस के साथ ही, वह सारी काली शक्तियाँ और प्रेत आत्माएँ, जिन्हें उसने वर्षों तक सताया था, उसकी आत्मा को अपने साथ घसीट कर गहरे अंधकार में ले गईं। यह एक चेतावनी है कि ब्रह्मांड में अच्छी और बुरी हर शक्ति मौजूद है, और जो लोग काले जादू का मार्ग चुनते हैं, उन्हें अंततः प्रकृति के न्याय का सामना करना पड़ता है। कर्मों का फल भयानक हो सकता है, खासकर जब आत्माओं से खेला जाए।

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