आधी रात की चीख
रिया अपने पैतृक घर पहुँची। यह एकांत में था, घने पेड़ों से घिरा हुआ। गर्मियों की शाम होने के बावजूद उसकी रीढ़ में सिहरन दौड़ गई। हवा भारी थी, प्राचीन रहस्य उसमें घुले हुए थे। केयरटेकर रामू काका ने उसे चाबियाँ सौंपीं, उनके आँखों में एक अजीब, अनकही चिंता थी जब उन्होंने उसे अलविदा कहा, … Read more