किसी की आहट (Kisi ki Aahat)- खौफनाक डरावनी कहानियां

एक रात की बात है। एक कार में पति और पत्नी अपने कुत्ते के साथ सफ़र पर निकलते हैं। सुनसान रास्ते मैं वह अपनी कार में गाने गुनगुनाते हुए जा रहे होते हैं। अचानक रास्ते में उनकी कार बंद हो जाती है। पति कार से बाहर आकर निरीक्षण करने लगता है। जैसे ही वह कार के नीचे देखता है, तो उसे पता चलता है, कि कार का पेट्रोल टैंक टपक रहा है। अब वह परेशान होने लगता है। उसे समझ नहीं आता, कि किससे मदद माँगे। तभी वह अपनी पत्नी से कहता है। “तुम भी बाहर आकर देखो। शायद आस पास कोई मदद के लिए मिल जाए”।

दोनों अपने कुत्ते के साथ थोड़ा आगे जाकर आवाज़ लगाते हैं। लेकिन वहाँ इनके अलावा किसी की आहट तक सुनाई नहीं देती। दोनों थक कर बैठ जाते हैं। उन्हें लगता है, कि अब रात यहीं काटनी पड़ेगी। तभी अचानक उनका कुत्ता ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगता है। इन्हें समझ नहीं आता, कि कुत्ता अचानक भौंकने कैसे लगा। जबकि यहाँ कोई नहीं है। कुछ ही पल में कुत्ता शांत हो जाता है और एक बच्चे के रोने की आवाज़ आने लगती है। इस घने जंगल में बच्चे की आवाज़, दोनों को किसी ख़तरे का एहसास, करवाने लगती है। तभी वह औरत अपने पति से कहती है। “जाइए और देखिए शायद वहाँ कोई परिवार हो”। वह हिम्मत करके आगे बढ़ता है। पीछे पीछे उसका कुत्ता भी रास्ते को सूँघते हुए आता है।

थोड़ी ही दूर एक पेड़ में झूला बँधा होता है और उसी में बच्चा रो रहा होता है। आदमी को लगता है, कि यह किसी बनवासी का बच्चा है। जो आस पास ही होंगे और वह ज़ोर ज़ोर से आवाज़ लगाने लगता है। “कोई है, अरे भाई सुनो। यह बच्चा किसका है” ? लेकिन इतना पुकारने के बाद भी किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। वह बच्चे को अपनी गोद में उठाकर अपनी पत्नी के पास लाता है। पत्नी की नज़र जैसे ही बच्चे पर पड़ती है अचानक उसका चेहरा डर से पीला पड़ जाता है। वह देखती है। बच्चा तो, उसके पति की गोद में है। Bhoot Ki Kahani

लेकिन बच्चे का पैर ज़मीन में टकरा रहा है और जैसे ही वह पति को यह बात बताती है। पति डर के मारे बच्चे को वहीं फेंक देता है। दोनों दौड़ते हुए अपनी कार के पास आ जाते हैं। उनका कुत्ता भौंकते हुए उनके पीछे पीछे आ जाता है। पति पत्नी डर के कारण कार के अंदर घुसकर बैठ जाते हैं। अचानक कार के अंदर से बच्चे की रोने की आवाज़ आने लगती है। वह पीछे पलटकर देखते हैं, तो वही बच्चा रो रहा होता है। दोनों जल्दी से अपनी कार के दरवाज़े खोलने का प्रयास करते हैं। लेकिन दरवाज़े लॉक हो चुके होते हैं।

किसी की आहट

उनका कुत्ता कार के चारों तरफ़ से घूम घूमकर भोक रहा होता है। दहशत के कारण महिला बेहोश हो जाती है और उसका पति ज़ोर से कार के दरवाज़े पर लात मारता है और दरवाज़ा खुल जाता है। वह कार के बाहर भागता है। अपनी पत्नी को ज़ोर से आवाज़ लगाता है और उसे भी उठाने की कोशिश करता है। महिला धीरे धीरे अपनी आँख खोलती है और दहशत के कारण कार से उतरकर, अपने पति को दौड़कर पकड़ लेती है। तभी पति की नज़र कार की पिछली सीट पर पड़ती है। बच्चा ग़ायब हो चुका होता है। अब तक की घटना से उन्हें एहसास हो चुका था कि यह बुरी शक्तियों का काम है।

दोनों लिपटकर रोड के बीचों-बीच खड़े हो जाते हैं ओर मदद का इंतज़ार करने लगते हैं। तभी सामने एक गाड़ी दिखाई देती है और दोनों के चेहरों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ती है। दोनों रोड में खड़े होकर चिल्लाने लगते हैं। “रोको – रोको” तभी कार ड्राइवर, उन्हें कार में आने का इशारा करता है। दोनों अपने कुत्ते के साथ कार के नज़दीक आते हैं और कुत्ता ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगता है। उन्हें लगता है। अजनबी इन्सान को देखकर वह ऐसा कर रहा है और दोनों अपने कुत्ते के साथ उस गाड़ी में बैठकर उस जगह से निकल जाते हैं।

दोनों वहाँ से निकलने के बाद राहत की साँस लेते हैं और गाड़ी चालक को धन्यवाद देते हैं। तभी गाड़ी चालक अपना चश्मा उतार कर उनके धन्यवाद का जवाब देते हुए कहता है। “कोई बात नहीं” लेकिन हैरत की बात तो यह थी, कि जैसे वह चश्मा उतारता है, तो उसकी दोनों आँख नहीं होती। इतना डरावना चेहरा देखकर लड़की का पति गाड़ी चालक को धक्का दे देता है और गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाता है और गाड़ी सीधे खाई में जा गिरती है। एक अनजाने डर ने प्रेमी जोड़े के जीवन का अंत कर दिया था। यही कहानी का दर्दनाक पहलू था।

एक डरावनी रसोई में "लाचुंग की आत्मा" कहानी के अनुसार दिखाया गया दृश्य, जहाँ एक महिला बुरी आत्मा के वश में है, उसका चेहरा विकृत और आँखें उलटी हुई हैं। सामने खड़ा पिता उसे रोकने की कोशिश कर रहा है, जबकि बच्चा डर के मारे चीख रहा है और माँ स्तब्ध खड़ी है। बैकग्राउंड में पुराने ज़माने की रसोई और धुंधली रोशनी डर का माहौल बना रही है।

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