असम के कई हिस्सों में, ऐसी कहानियाँ प्रचलित हैं जहाँ शैतानी ताकतें राज करती हैं। कहा जाता है कि वहाँ कई लोगों को धोखे से मारकर जंगलों और तालाबों में फेंक दिया जाता है। जिनके शव घरों के नीचे दफन होते हैं, उनकी बेचैन आत्माएं अक्सर भटकती रहती हैं और कमजोर शरीरों पर कब्जा कर लेती हैं। ऐसा ही एक भयावह अनुभव मेरी मौसी के साथ हुआ, जब उन्होंने हाल ही में एक बेटे को जन्म दिया था। प्रसव के बाद उनका शरीर बेहद कमजोर हो गया था, और उन दिनों घर पर ही डिलीवरी होती थी, जिसमें पारंपरिक घरेलू उपचारों का इस्तेमाल किया जाता था।
एक दोपहर, मेरी मौसी प्रसव के बाद थकी हुई आराम कर रही थीं। उनके नवजात शिशु को नानी दूसरे कमरे में नहला रही थीं। मौसी कमरे में बिल्कुल अकेली थीं, क्योंकि उनके पति गाँव से बाहर गए हुए थे। घर में सिर्फ नानी और मौसी ही मौजूद थे। तभी, एक हल्की सी आहट से मौसी की नींद खुली। उन्होंने सामने की खिड़की से एक काले साये को कमरे में आते देखा। उसके बाल हवा में लहरा रहे थे और उसकी आकृति बेहद डरावनी थी। वह धीरे-धीरे मौसी के गले की ओर अपने हाथ बढ़ा रहा था। अचानक, मौसी जोर से चीख पड़ीं और नानी तुरंत उनके पास आ गईं।
मौसी ने नानी को पूरी घटना बताई। नानी ने ध्यान दिया कि मौसी के पास न तो कोई चाकू था और न ही कोई सुरक्षा धागा बंधा था। यह देखकर, नानी ने तुरंत हींग और सरसों के दानों को एक काले कपड़े में लपेटकर मौसी के हाथ पर बाँधा, और बच्चे के हाथ पर भी वैसा ही एक धागा बाँध दिया। मौसी ने जब इसका कारण पूछा, तो नानी ने समझाया कि कमजोर या दुर्बल शरीर अक्सर ऐसी बुरी आत्माओं का आसान निशाना बनते हैं, जो अपनी अधूरी इच्छाएँ पूरी करना चाहती हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि प्रसव के बाद वह मौसी के पास सुरक्षात्मक चीजें रखना भूल गई थीं, जिससे उन्हें इस काले साये का सामना करना पड़ा।
हालांकि, कुछ खतरे इतनी आसानी से टलते नहीं। उसी रात, आधी रात के करीब नानी को घर के पीछे से रोने की भयानक आवाजें सुनाई दीं। जब उन्होंने झाँक कर देखा, तो वही काला साया वहाँ खड़ा था। नानी ने हिम्मत कर के चिल्लाकर पूछा, “तुम कौन हो और क्यों हमारे पीछे पड़े हो?” काले साये ने एक डरावनी और गूँजती हुई आवाज में जवाब दिया, “यह घर मेरा है, यहाँ से चले जाओ, नहीं तो तुम्हारा पूरा परिवार मारा जाएगा।” इस धमकी से नानी बुरी तरह डर गईं, क्योंकि अब उनके घर में एक नवजात शिशु भी था, और उसे भी उस अदृश्य खतरे से बचाने की जिम्मेदारी थी।
अगले दिन सुबह, नानी ने तुरंत एक स्थानीय पंडित को बुलाया और उन्हें सारी बात विस्तार से बताई। पंडित जब घर के पीछे गए, तो उन्होंने वहाँ एक गहरी नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव किया। पूरे इलाके का मुआयना करने के बाद, पंडित ने बताया, “इस क्षेत्र में जितने भी घर बने हैं, उन सबके नीचे कई अज्ञात शव दफन हैं। यह जगह पहले एक घना जंगल थी, जहाँ समय के साथ लोगों ने घर बसाने शुरू कर दिए। तुम्हारे घर का भी ऐसा ही कोई भयावह रहस्य है, जो तुम्हें यहाँ शांति से रहने नहीं देगा। ऐसे शापित स्थान अक्सर निर्दोष परिवारों की बलि माँगते हैं। इसलिए, जितना जल्दी हो सके, यह घर खाली कर दो। तब तक के लिए, यह रक्षा-सूत्र अपने हाथों पर बाँध लो।”
मौसी के पति को गाँव वापस आने में अभी दो दिन बाकी थे, लेकिन नानी और मौसी ने एक पल भी बर्बाद नहीं किया। वे तुरंत अपना सारा जरूरी सामान बाँधकर दूसरे गाँव चले गए। मौसी ने अपने पति को एक पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत करा दिया, ताकि वह भी सतर्क रहें। यह घटना उनके मन में इतनी गहरी बैठ गई कि उन्हें उस शापित घर को छोड़कर जाना ही सही लगा, अपने परिवार और नवजात बच्चे की सुरक्षा के लिए।
आज भी, ऐसे ही डरावने अनुभवों के कारण, लोग कोई नया घर खरीदने या किराए पर लेने से पहले उसके इतिहास और आस-पास के माहौल की पूरी जानकारी जुटाते हैं। क्योंकि, ऐसे भूतिया रहस्य और शापित जगहें अक्सर लोगों को बहुत भारी पड़ती हैं और ज़िंदगी भर का डर दे जाती हैं।