हमारे गाँव में एक ऐसी पुरानी कचहरी है, जिसे आज भी ‘कचहरी का भूत’ नाम से जाना जाता है। लगभग डेढ़ सौ साल पहले एक राजा ने इसका निर्माण करवाया था और इसके भीतर कई रहस्यमयी तहखाने बनवाए थे। हालांकि, समय के साथ ये तहखाने बंद कर दिए गए, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब कुछ तहखाने खुले रहते थे। हमारी कहानी इसी कचहरी के उन्हीं खुले तहखानों से जुड़ी है, जहाँ सदियों पुराना एक खौफनाक रहस्य छिपा है।
यह घटना आज से लगभग छत्तीस साल पहले की है। उस समय, यह प्राचीन कचहरी एक स्कूल में बदल दी गई थी। अधिकांश तहखानों को सील कर दिया गया था, मगर एक-दो अभी भी खुले पड़े थे, जिन्हें बंद करना बाकी था। बच्चों को उन खुले तहखानों से रात-बिरात अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती थीं। ये आवाजें इतनी भयावह होती थीं, जैसे कोई जानवर अंदर चीख रहा हो। बच्चों ने ऐसी डरावनी आवाजें पहले कभी नहीं सुनी थीं और वे इतनी भयभीत हो जाते थे कि रातों की नींद भी हराम हो जाती थी।
स्कूल में पानी पीने की व्यवस्था भी उन्हीं तहखानों के पास थी, जिससे बच्चों को उस ओर जाने में भी डर लगता था। यह केवल बच्चे ही नहीं, बल्कि स्कूल के शिक्षक भी महसूस करते थे कि उन तहखानों में कोई गहरा रहस्य छिपा है और उन आवाज़ों के पीछे की सच्चाई क्या है। कई महीनों तक स्कूल इसी भयावह माहौल में चलता रहा। फिर एक दिन, स्कूल में पढ़ने वाली एक छोटी बच्ची अचानक लापता हो गई। उसकी माँ ने बताया कि बच्ची घर आकर अपना टिफिन भूल जाने के कारण उसे लेने वापस स्कूल गई थी।
यह सुनकर गाँव के लोग तुरंत स्कूल की ओर भागे। उस समय शिक्षक जा चुके थे और स्कूल का मुख्य दरवाज़ा भी बंद नहीं होता था, इसलिए सबने सोचा कि बच्ची शायद अंदर ही होगी। लेकिन स्कूल पूरी तरह सुनसान था और उन्हें कोई नहीं मिला। जहाँ बच्ची की कक्षा की सीढ़ियाँ थीं, वहाँ थोड़ा-सा खून और तहखाने की ओर घसीटने के निशान मिले। लोगों ने हिम्मत कर के तहखानों में प्रवेश किया, पर वे किसी भूल-भुलैया से कम नहीं थे। गहरी खोजबीन के बाद भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ, और उस बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला।
कई लोगों का मानना था कि जब बच्ची स्कूल में लौटी, तो तहखाने के भूत ने उसे सीढ़ियों पर ही पकड़ लिया होगा और घसीटते हुए अपने अंधेरे ठिकाने में ले गया होगा। लेकिन उस बच्ची के साथ वास्तव में क्या हुआ, यह कोई नहीं जानता। इस भयावह घटना के कुछ दिनों बाद, वह स्कूल हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और उन सभी खौफनाक तहखानों को भी हमेशा के लिए सील कर दिया गया। आज तक यह रहस्य अनसुलझा है कि उन तहखानों में क्या छिपा था, वे घसीटने के निशान किसके थे, और वह डरावना भूत कहाँ से आया और कहाँ चला गया।
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