इन्तकाम भाग – 4 | जलती कार और जंगल की परछाइयाँ

अवन्तिका यह सुनकर अंदर आकर सोफे पर बैठ गई। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। शिखर भी उसके पीछे अंदर आया। इन्तकाम

उसने कहा – ‘‘अरे तुम भी कहां इन गांव वालों की बातों में आ जाती हों मार्डन होते हुए भी भूत प्रेतों में विश्वास रखती हों।’’

अवन्तिका ने कहा – ‘‘तुम्हें तो कुछ समझाना ही बेकार है। जब तक हमारे साथ कुछ बुरा नहीं हो जाता तुम्हें कुछ समझ नहीं आयेगा।’’

Also Read: इन्तकाम भाग – 3

दोंनो बातें कर ही रहे थे तभी रौनक आया – ‘‘क्या हुआ भाभी?’’

अवन्तिका ने उसे सारी बात बता दी। यह सुनकर रौनक के पसीने छूट गये, वो बोला – ‘‘हां भाभी मैंने भी ये किस्से सुने तो हैं।’’

अवन्तिका ने कहा – ‘‘यह बात अपने भैया को समझाओ। इन्हें समझ नहीं आ रहा कि हम कितनी बड़ी मुसीबत में फस गये हैं।’’

शिखर कुछ बोल नहीं पा रहा था। शायद उसे अहसास था कि उसने गलत तो किया है जिसकी सजा भुगतने के लिये वह तैयार था।

शिखर ने कहा – ‘‘चलो तुम दोंनो की बात मान लेते हैं। लेकिन अब करना क्या है।’’ khofnak love story

अवन्तिका जैसे बस यही सुनना चाहती थी। उसने तुरंत कहा – ‘‘सबसे पहले इस गाड़ी को ठिकाने लगाओ। या तो इसे बेच दो कहीं ले जाकर आग लगा दो।’’

दोंनो भाई मिल कर गाड़ी को आग लगाने की सोचते हैं, क्योंकि इस छोटी सी जगह में गाड़ी बेचना बहुत कठिन था।

दोंनो गाड़ी को एक सुनसान जगह ले जाकर आग लगा देते हैं।

शिखर अपनी कार को जलते हुए देख कर रो रहा था। लेकिन रौनक ने उसे समझाया – ‘‘भैया हम सही सलामत रहे तो इससे बड़ी गाड़ी खरीद लेंगे।’’

दोंनो शाम तक घर आ जाते हैं। अवन्तिका खाना बना कर तैयार कर चुकी थी।

अवन्तिका ने घर में घुसते ही पूछा – ‘‘क्या हुआ हो गया काम।’’

शिखर बिना कुछ बोले सोफे पर बैठ गया। रौनक ने भाभी को समझा दिया।

अवन्तिक बोली – ‘‘चलो मैंने खाना बना लिया है। आप लोग फ्रेश होकर आ जाओ।’’

शिखर बोला – ‘‘मेरा कुछ खाने का मन नहीं है।’’

रौनक बोला – ‘‘भैया कल से आपने कुछ नहीं खाया, भूखे रहने से क्या होगा खाना खाओगे तो सोचने की शक्ति मिलेगी।’’

कुछ देर बाद तीनों डायनिंग टेबल पर बैठे थे। खाना खाने के बाद शिखर और रौनक दोंनो छत पर टहलने चले जाते हैं। क्योंकि अवन्तिका ने बाहर जाने के लिये मना कर दिया था।

शिखर और रौनक दोंनो छत पर घूम रहे थे। अचानक शिखर की नजर पहाड़ों के बीच में उस रास्ते पर जाती हैं जो जंगल को जाता है।

उसे देख कर शिखर चिल्लाने लगता है -‘‘मैंने कुछ नहीं किया मुझे छोड़ दो, मुझे छोड़ दो।’’

रौनक उसे सम्हालता है – ‘‘भैया क्या बात है क्यों चिल्ला रहे हो?’’

शिखर कहता है – ‘‘वो मुझे बुला रहा है। वो मुझे मार देगा।’’

रौनक उस ओर देखता है -‘‘भैया वहां कोई नहीं है। आपको वहम हो रहा है।’’

लेकिन शिखर बार बार चिल्ला रहा था। उनकी आवाज सुनकर अवन्तिका भी उपर आ जाती है।

अवन्तिका को देख कर शिखर जोर से चिल्लाने लगता है – ‘‘अवन्तिका तुम्हें पता है न मैंने जानबूझ कर कुछ नहीं किया। इन्हें रोक लो। ये मुझे लेने आये हैं।’’

अवन्तिका बोली – ‘‘शिखर वहां कोई नहीं है। तुम्हें क्या दिख रहा है। रौनक इन्हें नीचे ले चलो।’’

रौनक किसी तरह शिखर को नीचे लेकर आता है। उसे सोफे पर बिठा देता है। शिखर सर झुकाये बैठा था। रौनक ने कहा – ‘‘भैया क्या दिख रहा था? कौन था वहां?’’

शिखर कुछ नहीं बोल रहा था। अवन्तिका भाग कर किचन से पानी लाई उसने शिखर को पीने के लिये पानी दिया। शिखर ने पानी पिया और फिर बताना शुरू किया।

शिखर ने कहा – ‘‘मुझे वहां जंगल के रास्ते पर वही आदमी दिखाई दिया उसके पीछे दो काले सायें और थे। वो मुझे घूर रहा था। उसकी लाल लाल आंखें देख

कर मैं डर गया। वह बहुत गुस्से में था। उसने मुझे देख लिया है अब वो मुझे नहीं छोड़ेगा।’’

रौनक ने कहा – ‘‘भैया वहां कोई नहीं था। मैंने भी देखा था। आप कल सो नहीं पाये हैं इसलिये आपको यह सब वहम हो रहा है।’’

अवन्तिका और रौनक मिल कर शिखर को समझा रहे थे। लेकिन शिखर ने जो कहा उसे सुनकर दोंनो के होश उड़ गये -‘‘जब हम कार को आग के हवाले कर रहे थे। ठीक उसी समय वह मेरे पीछे खड़ा दिखाई दे रहा था। मुझे ऐसा महसूस हुआ लेकिन मैंने सोचा कि यह मेरा वहम होगा। मैंने कई बार मुड़ कर देखा लेकिन वहां कोई नहीं था। bhoot ki kahani

लेकिन मैं जैसे ही कार को देख रहा था। मैं रो रहा था। वह मेरे पीछे खड़े होकर हस रहा था। जैसे उसका बदला पूरा होने वाला है।’’

रौनक ने शिखर को कहा – ‘‘ लेकिन भैया मैं भी तो आपके साथ खड़ा था। मुझे तो कुछ भी महसूस नहीं हुआ।’’

शिखर ने कहा – ‘‘तुम इस सब में शामिल नहीं थे। गुनाह मुझसे हुआ है। सजा मुझे मिलेगी। रौनक तुम एक काम करो अपनी भाभी को लेकर मुंबई चले जाओ।

मेरे साथ जो होगा मैं सह लूंगा।’’

यह सुनकर अवन्तिका रोने लगी। उसे रोता देख कर रौनक ने कहा – ‘‘भैया हम आपको इस मुसिबत में छोड़ कर कहीं नहीं जा रहे हैं। जो भी होगा हम सब

मिल कर उसका सामना करेंगे। मैं कल माली काका से मिल कर इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश करता हूं।’’

शेष आगे …

एक डरावनी रसोई में "लाचुंग की आत्मा" कहानी के अनुसार दिखाया गया दृश्य, जहाँ एक महिला बुरी आत्मा के वश में है, उसका चेहरा विकृत और आँखें उलटी हुई हैं। सामने खड़ा पिता उसे रोकने की कोशिश कर रहा है, जबकि बच्चा डर के मारे चीख रहा है और माँ स्तब्ध खड़ी है। बैकग्राउंड में पुराने ज़माने की रसोई और धुंधली रोशनी डर का माहौल बना रही है।

लाचुंग की आत्मा

रचित, उसकी पत्नी राशि और आठ साल का बेटा तुषार, ग्रेटर नोएडा की भागदौड़ से थक चुके थे। उन्हें सुकून ...
छम-छम की आहट — एक सुनसान हवेली के गलियारे में गूंजती रहस्यमयी पायल की आवाज़, धुंध और परछाइयों से घिरी डरावनी रात को दर्शाता चित्र।

छम-छम की आहट: रायपुर गांव की चुड़ैल की दहशत

रायपुर गांव की रातें अब पहले जैसी नहीं रहीं। हर रविवार या अमावस्या की रात, जैसे ही अंधेरा गहराता, गांव ...
दीया-कोठरी की रहस्यमयी रात में एक युवती डरावनी छाया के साथ खड़ी है, टिमटिमाते दीयों की रोशनी में साया धीरे-धीरे पास आता हुआ

दीया-कोठरी: एक रात छाया के साथ

जब मैं कोलकाता में छोटा था, मेरे माता-पिता का एक कठोर नियम था—हर रविवार की रात मुझे “दीया-कोठरी” में ही ...
जलती कार और जंगल की परछाइयाँ

इन्तकाम भाग – 4 | जलती कार और जंगल की परछाइयाँ

अवन्तिका यह सुनकर अंदर आकर सोफे पर बैठ गई। उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे। शिखर भी उसके पीछे ...
आत्मा की पुकार

आत्मा की पुकार | Short Horror Story in Hindi

अमावस्या की वो रात जब बिल्कुल अंधेरा था। हाथ को हाथ नहीं दिखाई पड़ता था। ऐसी अंधेरी रात में निशांत ...
पुनर्जन्म

पुनर्जन्म | Hindi Horror Story

एक अंधेरी गुफा में एक तांत्रिक आत्मा को वश में करने की कोशिश में लगा था। सामने अग्निकुण्ड में आहूति ...
मेरा क्या कसूर

मेरा क्या कसूर? | Horror Story in Hindi

Horror Story in Hindi : मनीष अपनी पत्नि सीमा से बहुत प्यार करता था। सीमा भी मनीष के बिना रह ...
रिया का नया घर

रिया का नया घर बन गया एक भयानक कहानी

रिया हमेशा से ही आत्मनिर्भर थी और उसकी उम्र 28 साल थी। दिल्ली में अपनी ड्रीम जॉब मिलने के बाद, ...
भारत की सबसे डरावनी भूतिया कहानी

भारत की सबसे डरावनी भूतिया कहानी

आपने बहोत सारि real horror stories पढ़ी होंगी, लेकिन आज मई जो स्टोरी आपको बताने जा रही हूँ वो भारत ...
नरपिशाच का श्राप

इन्तकाम – भाग – 3 | नरपिशाच का श्राप

अवन्तिका और शिखर बहुत देर रात तक जागते रहे। सुबह माली के दरवाज़े की घंटी बजाने से शिखर चौंककर उठा। ...