लाचुंग की आत्मा
रचित, उसकी पत्नी राशि और आठ साल का बेटा तुषार, ग्रेटर नोएडा की भागदौड़ से थक चुके थे। उन्हें सुकून की तलाश थी—कुछ ऐसा जो उन्हें शहर के शोरगुल से दूर ले जाए। तभी रचित को लाचुंग, सिक्किम की एक पुरानी लेकिन बेहतरीन रेटिंग वाली कॉटेज का विज्ञापन मिला। यह कॉटेज एक धुंध से ढकी … Read more