रात के काले सायों में, घने जंगल के बीच अंजली की निःशब्द लाश पड़ी थी। पास ही रोबिन अपने मोबाइल की रोशनी में गड्ढा खोद रहा था—उसी गड्ढे में जहां कुछ ही देर में अंजली को दफन किया जाने वाला था। अंजली का आखिरी बदला
थोड़ी देर पहले तक अंजली रोबिन से रहम की भीख मांग रही थी:
अंजली (कांपती आवाज में): रोबिन, मैं तुमसे बेइंतिहा प्यार करती हूं… तुम मुझे कैसे मार सकते हो?
रोबिन (ठंडी हंसी के साथ): प्यार? अंजली, तुम नहीं जानती, मैं अब तक कितनी लड़कियों से यही खेल खेल चुका हूं। हर बार पैसे मिलते थे, लेकिन तुमसे कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
अंजली: लेकिन मैं तो तुम्हारे साथ शादी करके एक नई ज़िंदगी शुरू करना चाहती थी।
रोबिन (गुस्से में): तुम खाली हाथ आई हो। अगर तुम्हें ज़िंदा छोड़ दिया तो तुम पुलिस के पास जाओगी। और तुम्हारा खर्चा मैं क्यों उठाऊं?
इसके बाद, उसने अपनी जैकेट की जेब से चाकू निकाला और अंजली का गला रेत दिया। वह धीरे-धीरे ज़मीन पर गिर गई। अंतिम शब्द थे:
अंजली: तुमने अच्छा नहीं किया… मैं तुम्हारा पीछा नहीं छोड़ूंगी…
बदला शुरू होता है
अंजली की आत्मा वहीं चीर के पेड़ के पास खड़ी, सबकुछ देख रही थी। रोबिन लाश को दफनाकर मुस्कुराता हुआ वहां से चला गया। लेकिन अंजली की आत्मा वहीं अटकी रह गई।
वह सीधा अपने घर पहुंची। माँ रो रही थी, और पिता क्रोध में उसे मरा मान चुके थे। लेकिन मां का दिल कह रहा था कि कुछ गलत हुआ है।
इसी बीच, पुलिस अंजली के घर आई। जांच चल रही थी। रोबिन का भी कोई अता-पता नहीं था। अंजली की आत्मा यह सब देख रही थी और रो रही थी। उसे अब सिर्फ बदला लेना था। rahasyamay kahani
और भी थे शिकार
अंजली की आत्मा वापस जंगल में पहुंची, जहां उसकी लाश दफन थी। वहां उसे चार और आत्माएं मिलीं। सब रोबिन की शिकार थीं। वे भी न्याय चाहती थीं।
एक आत्मा: हम भी तेरे जैसे ही मारे गए थे। लेकिन जब तक वो जिंदा है, हम कुछ नहीं कर सकते।
अंजली (दृढ़ स्वर में): अब उसकी मौत पक्की है। मैं उसे खत्म करूंगी।
इंसाफ की शुरुआत
एक पहाड़ी ग्रामीण अपनी भेड़ें चरा रहा था, तभी एक भेड़ उस जगह जा पहुंची जहां अंजली की लाश दफन थी। इंसानी खून और मोबाइल फोन पाकर उसने पुलिस को बुलाया। पोस्टमार्टम हुआ, और सबके सामने सच्चाई आ गई।
पुलिस ने रोबिन को ढूंढना शुरू किया। एक बार वेटर ने पहचान कर ली और पुलिस को खबर दी। रोबिन भागने लगा, लेकिन जंगल में उसका पैर फिसला और वह खाई में गिरकर मर गया।
अंत नहीं, बल्कि सज़ा की शुरुआत
अब अंजली और चारों आत्माएं रोबिन की आत्मा को पकड़ती हैं। वे उसे एक अंधेरी गुफा में कैद कर देती हैं, जहां उसकी आत्मा हर दिन तड़पती है। वह मर तो गया, लेकिन उसे कभी मुक्ति नहीं मिली। bhoot ki kahani
गांव वाले कहते हैं, आज भी पहाड़ों से एक लड़के के चीखने की आवाज़ें आती हैं और कुछ लड़कियों की डरावनी हंसी गूंजती है। यह अंजली और उन आत्माओं की आत्मा है जो अब भी न्याय के प्रतीक्षा में हैं।
कहानी का सबक: प्यार में अंधे होकर किसी पर विश्वास करने से पहले सोचो—हर मुस्कान के पीछे एक चेहरा होता है, और हर चेहरे के पीछे एक मंशा।











