पुरानी हवेली का अभिशाप

रोहन, एक जिज्ञासु फोटोग्राफर, अक्सर सुनसान जगहों की तलाश में रहता था। एक दिन उसने गाँव के बाहरी इलाके में स्थित उस पुरानी हवेली के बारे में सुना, जहाँ कई दशकों पहले एक दुल्हन की रहस्यमयी मौत हो गई थी। गाँव वाले उसे भूतों का डेरा कहते थे, लेकिन रोहन को ये सिर्फ कहानियाँ लगती थीं। अपने कैमरे और कुछ ज़रूरी सामान के साथ, वह उस वीरान हवेली की ओर चल पड़ा। जैसे ही उसने जर्जर लकड़ी का दरवाजा खोला, एक अजीब सी ठंडी हवा उसके चेहरे से टकराई, मानो कोई अदृश्य शक्ति उसका स्वागत कर रही हो। अंदर चारों ओर धूल और मकड़ी के जाले फैले थे, पर रोहन की उत्सुकता कम नहीं हुई। उसे हर कोने में एक कहानी छुपी दिख रही थी।

हवेली के मुख्य हॉल में पहुँचते ही रोहन की नज़र एक धूल से ढकी मेज़ पर पड़ी। वहाँ एक पुराना, गंदा घूंघट पड़ा था, जो कभी किसी दुल्हन ने पहना होगा। रोहन को लगा कि यह एक अच्छी तस्वीर का मौका है। उसने घूंघट उठाया, उसकी बनावट को कैमरे में कैद करने लगा। जैसे ही उसने घूंघट को अपने हाथ में लिया, उसे लगा जैसे किसी ने उसकी कलाई पकड़ ली हो। हवा में एक हल्की सी फुसफुसाहट गूँजी, जो धीरे-धीरे एक दर्द भरी सिसकी में बदल गई। कमरे का तापमान अचानक और गिर गया, और रोहन को अपनी साँसें भारी लगने लगीं। उसके रोंगटे खड़े हो गए। यह सिर्फ़ उसकी कल्पना नहीं थी, यह एहसास बहुत वास्तविक था।

अचानक, घूंघट अपने आप उसके हाथ से फिसलकर ज़मीन पर गिर गया, और हवेली के सारे दरवाज़े धड़ाम से बंद हो गए। बाहर से आती रोशनी भी धीमी पड़ गई, और कमरा लगभग अँधेरे में डूब गया। रोहन का दिल ज़ोरों से धड़कने लगा। उसने अपनी टॉर्च जलाई और जैसे ही उसकी रोशनी सामने के पुराने दर्पण पर पड़ी, उसने एक पल के लिए एक धुंधली आकृति देखी – एक महिला, जिसने वही घूंघट पहना हुआ था। उसकी आँखें उदास और खाली थीं। रोहन चिल्लाया, घूंघट को छोड़कर पीछे हटा। उसे समझ आ गया कि यह कोई कहानी नहीं, बल्कि एक डरावनी सच्चाई थी। हवेली में कोई और भी था, कोई अदृश्य और भयानक।

रोहन ने तुरंत वहाँ से भागने की कोशिश की, लेकिन हवेली के गलियारे उसे अंतहीन लगने लगे। हर कोने से उसे फुसफुसाहटें और ठंडी आहें सुनाई दे रही थीं। उसने किसी तरह एक खिड़की का शीशा तोड़ा और बाहर कूद गया। खुले आसमान के नीचे पहुँचकर उसने राहत की साँस ली, लेकिन वह भयावह अनुभव उसकी आत्मा में हमेशा के लिए समा गया था। आज भी, जब रात होती है और हवा चलती है, तो रोहन को उस हवेली के घूंघट वाली दुल्हन की उदास सिसकियाँ सुनाई देती हैं। वह जानता है कि कुछ रहस्य ऐसे होते हैं जिन्हें कभी नहीं छेड़ना चाहिए, क्योंकि कुछ आत्माएँ कभी शांति से नहीं मरतीं।

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