जैरी गुस्से में ऑफिस से बाहर निकला, गेट को ज़ोर से बंद करते हुए खुद से ही बुदबुदाया। “यह कैसी मुसीबत है? लगता है सारी परेशानियाँ मेरी ही किस्मत में लिखी हैं। इतनी उम्मीद से इंटरव्यू के लिए आया था, लेकिन सिफारिश के कारण किसी और का चुनाव हो गया। अब फिर से नौकरी ढूंढनी पड़ेगी।” तभी टोनी, जो उसी इंटरव्यू के लिए आया था, फ्रस्ट्रेट होकर बोला, “तुम अकेले नहीं हो यार। इस सिफारिश ने सबकी ज़िंदगी बर्बाद कर दी है। समझ नहीं आता कि हम जैसे आम लोगों को कभी नौकरी मिलेगी भी या नहीं।”
दोनों बात कर ही रहे थे कि एक शव यात्रा सामने से गुज़री। उसे देखकर दोनों ने हाथ जोड़े। लेकिन टोनी की आँखों में एक अजीब सी चमक थी। तभी शव यात्रा से उछलकर एक सिक्का जैरी के पैरों के पास आ गिरा। जैरी उसे उठाकर फेंकने ही वाला था कि टोनी ने उसका हाथ पकड़ लिया। टोनी ने उसे रोका और कहा, “अरे! यह क्या कर रहे हो? यह सिक्का तो बहुत किस्मत वालों को मिलता है।” जैरी ने पूछा, “किस्मत वालों को? मैं समझा नहीं।” टोनी ने समझाया, “हमारे यहाँ ऐसा मानते हैं कि शव यात्रा पर जो सिक्का चढ़ाया जाता है, वह अगर किसी को मिल जाए तो उसकी किस्मत बदल जाती है। शायद भगवान ने तुम्हारी सुन ली है; यह तुम्हारी किस्मत बदलने के लिए ही तुम्हें मिला है।”
जैरी ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करता था, लेकिन टोनी के बार-बार कहने पर उसने सिक्का अपनी जेब में रख लिया और चला गया। जैसे ही जैरी वहाँ से गया, टोनी की आँखों का रंग बदलकर और भी गहरा हो गया था। घर पहुँचकर जैरी उस सिक्के के बारे में भूल चुका था। तभी उसके फोन पर टोनी का फोन आया। टोनी ने पूछा, “अरे! पहचाना मुझे? आज दोपहर में मिले थे।” जैरी ने जवाब दिया, “कौन?” टोनी ने फिर कहा, “मैं वही बोल रहा हूँ जिसने तुम्हें शव यात्रा के सिक्के के बारे में बताया था। आज रात सिक्के से कोई इच्छा माँग कर सो जाना, सुबह होते ही तुम्हारी इच्छा पूरी हो जाएगी।” टोनी की बात सुनकर जैरी सोचने लगा कि उसे उसका मोबाइल नंबर कैसे मिला। इससे पहले कि वह कुछ पूछ पाता, फोन कट गया।
जैरी ने दोबारा फोन लगाने की कोशिश की, लेकिन टोनी का नंबर व्यस्त आ रहा था। उसने उस सिक्के को हाथ में लिया और बोला, “काश! इस समय मेरी माँ मेरे पास होती। किसी भी तरह वह आ जाए, मुझे उनकी ज़रूरत है।” यह सोचते हुए जैरी सो गया। नींद में उसे लगा जैसे वह किसी गहरे, अंधेरे गड्ढे में गिर रहा हो। खुद को बचाने के लिए उसने एक रस्सी पकड़ी, लेकिन वह रस्सी नहीं, बल्कि एक साँप था। उसे देखकर जैरी की चीख निकल गई। वह घबराकर उठा तो उसके घर की घंटी बज रही थी। उसने घड़ी की ओर देखा, रात के 3 बजे थे। जैरी सोचने लगा, “इतनी रात को कौन हो सकता है?” जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला, सामने उसकी माँ खड़ी थी, जिसे देखकर वह पूरी तरह हैरान रह गया।
जैरी ने पूछा, “माँ, इतनी रात को आप यहाँ कैसे?” माँ ने जवाब दिया, “पता नहीं क्यों, मेरा दिल बहुत बेचैन हो रहा था। इसलिए बस तुमसे मिलने आ गई।” अपनी माँ को घर के अंदर लाकर, जैरी उसी सिक्के के बारे में सोचने लगा, क्योंकि रात को ही उसने अपनी माँ को बुलाने की इच्छा की थी, और वह पूरी हो गई थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह संयोग था या सिक्के ने उसकी इच्छा पूरी की थी। जैसे इस सिक्के ने उसकी माँ को उससे मिला दिया, काश उसे कोई नौकरी भी मिल जाती तो सब कुछ बहुत अच्छा हो जाता। वह यही सोच रहा था कि उसके फोन पर टोनी का एक वॉयस मैसेज आया। टोनी ने कहा, “हो गई तुम्हारी पहली इच्छा पूरी? अब बदले में मुझे क्या मिलेगा, यह बताओ?” यह कहते हुए वह ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा।
जैरी सोच में पड़ गया कि टोनी को कैसे पता चला कि उसकी पहली इच्छा क्या थी और उसकी माँ उसके पास आ चुकी है। वह यही सोच रहा था कि तभी उसके फोन पर एक और मैसेज आया: “तुम्हारी वह पालतू सुनहरी मछली कैसी रहेगी?” मैसेज पढ़कर जैरी दौड़ता हुआ अपने फिश एक्वेरियम के पास गया। वहाँ उसने देखा कि उसकी सुनहरी मछली मरी हुई थी। जैरी को समझ नहीं आ रहा था कि सुबह से उसके साथ यह सब क्या हो रहा था। वह तुरंत अपने कमरे में जाकर सो गया। अगली सुबह जब उसकी माँ ने उसे उठाया, तो एक पत्र देते हुए बोली, “बेटा, सुबह अख़बार के साथ यह पत्र भी आया था। देख, तेरे किसी काम का हो?” माँ के हाथ से पत्र लेकर वह उसे देखने लगा। वह किसी कंपनी का जॉइनिंग लेटर था।
जैरी ने हैरानी से कहा, “कंपनी का जॉइनिंग लेटर? पर मैंने तो अभी किसी भी कंपनी का इंटरव्यू भी नहीं दिया है। कहीं यह सब उस सिक्के की वजह से तो नहीं हो रहा?” माँ ने पूछा, “कौन सा सिक्का? किस सिक्के की बात कर रहा है? और नौकरी मिलने पर खुश होने के बजाय उदास क्यों हो रहा है?” जैरी अपनी माँ को सब कुछ बताना चाहता था, लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ से शुरू करे। वह बिना कुछ कहे चुपचाप अपने कमरे में चला गया। उसे अब टोनी के अगले मैसेज का इंतज़ार था। उसका दिल डर रहा था कि कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी कोई मैसेज न आ जाए। लेकिन फोन पर ऐसा कोई मैसेज नहीं आया। जैरी खुश था; उसे लगा शायद इस बार सच में ही उस सिक्के ने उसकी किस्मत बदली है और बिना किसी परेशानी के उसे नौकरी मिल गई है।
जैरी के मन में कई सवाल थे, जिनका जवाब केवल टोनी दे सकता था। भारी मन से जैरी ने ऑफिस जॉइन कर लिया। तभी उसके फोन पर एक मैसेज आया: “बधाई हो! नई जॉब मुबारक हो। मुझे तो लगा था कि तुम अभी जॉब जॉइन नहीं करोगे, मगर तुमने अपनी ख़ुशियाँ चुनी हैं। इसकी कीमत पता है क्या है? जितनी बड़ी इच्छा, उतनी बड़ी कीमत।” टोनी का मैसेज पढ़कर जैरी पसीने-पसीने हो गया। उसे समझ नहीं आ रहा था कि अब उसके पास से क्या जाने वाला था। उसने तुरंत टोनी को फोन लगाया, लेकिन फोन कवरेज एरिया से बाहर था। जैरी ने खुद से पूछा, “अब यह क्या नई मुसीबत आ गई? मेरी नौकरी की क्या कीमत है?” सोचते-सोचते जैरी को पसीने आने लगे। तभी उसे अपनी माँ का ख्याल आया। “कहीं माँ को कुछ न हो गया हो?” यह सोचते ही जैरी तुरंत ऑफिस से निकलकर अपने घर पहुँच गया।
घर पहुँचने पर उसने देखा कि उसकी माँ बहुत तकलीफ में थीं। उन्हें साँस लेने में भी परेशानी हो रही थी। जैरी ने पूछा, “माँ, क्या हुआ तुम्हें?” माँ ने मुश्किल से कहा, “खाना खाते-खाते अचानक कुछ गले में फँस गया। मगर तुम अचानक कैसे आ गए?” जैरी बोला, “माँ, तुम्हें कुछ नहीं होगा। यह सब उस सिक्के की वजह से हुआ है। न वह सिक्का मेरे पास रहेगा और न वह नौकरी रहेगी। तुम्हें कुछ नहीं होगा।” यह कहते हुए जैरी ने वह सिक्का फेंक दिया। लेकिन फिर भी उसकी माँ की साँसें उखड़ रही थीं, और वह उन्हें अस्पताल ले जाने लगा। तभी उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया। टोनी ने लिखा था, “अपनी माँ को बचाने की कितनी भी कोशिश कर लो, वह नहीं बच पाएगी। सिक्का कहीं नहीं गया है, वह अभी भी तुम्हारी जेब में ही है।” जैरी ने मैसेज पढ़कर उसे फोन लगाया, लेकिन उसका फोन नहीं लगा।
जैरी सोच रहा था, “इस मुसीबत से कैसे पीछा छूटेगा।” वह यही सोच रहा था कि उसकी माँ ने अंतिम साँस ली। जैरी की आँखों में आँसू भर आए। वह रोते हुए बोला, “माँ, मैंने ही तुम्हें मारा है। मैं ही तुम्हारा हत्यारा हूँ। मुझे माफ़ कर देना, माँ। अगर मैं अपनी किस्मत बदलने के बारे में न सोचता तो यह सब कभी न होता। कोई भी किस्मत नहीं बदल सकता। सब कुछ पहले से ही तय है। यदि ईश्वर के बनाए विधान को बदलने की कोशिश की जाती है, तो कोई न कोई मुसीबत ज़रूर आती है। मुझे नहीं बदलनी अपनी किस्मत।” यह कहते हुए उसने उस सिक्के को एक बार फिर फेंक दिया। अपनी माँ के अंतिम संस्कार के बाद, जैरी वह नौकरी छोड़कर गाँव आ गया। अब उसके मन में कोई ख्वाहिश बाकी नहीं थी।
एक दोस्त ने उससे कहा, “कब तक ऐसे ही ज़िंदगी बिताओगे? देखो, तुम्हारे साथ के सभी दोस्त अपने जीवन में व्यस्त हो गए हैं। सबके अपने परिवार हैं। तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हें भी अब शादी कर लेनी चाहिए?” जैरी ने पूछा, “क्या सच में मुझे शादी कर लेनी चाहिए?” दोस्त ने जवाब दिया, “हाँ, एक बार शादी हो जाएगी, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।” दोस्त के कहने पर अब जैरी के मन में भी शादी करने की इच्छा जागने लगी थी। जैरी ने सोचा, “काश! मेरी भी शादी हो जाए। पर मेरे लिए लड़की कौन ढूंढेगा?” यह सोचते हुए जैरी सो गया। तभी देर रात उसके मोबाइल पर एक के बाद एक मैसेज आने लगे। मैसेज की बीप से उसकी नींद खुली, तो उसने देखा कि सारे मैसेज टोनी के थे और वही सिक्का उसके मोबाइल के पास रखा था।
टोनी ने लिखा था, “तुम्हारी इतनी इच्छा है, तो मैं पूरी कर सकता हूँ ना। जल्दी ही तुम्हारी शादी हो जाएगी। मगर उसकी कीमत क्या दोगे, यह बताओ?” वह सिक्का और मैसेज देखकर जैरी की हालत बिगड़ गई। अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। जैरी ने दृढ़ निश्चय से कहा, “तुम्हें हर चीज़ की कीमत चाहिए, है ना? तो तुम्हें कीमत मिलेगी, और मुझे तुमसे हमेशा-हमेशा के लिए छुटकारा मिलेगा।” यह कहते हुए जैरी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। वह सिक्का और मोबाइल अभी भी वहीं पड़े थे। दूर, जैरी की आँखें खून की तरह लाल हो रही थीं। यह सिक्का आपकी भी किस्मत बदल सकता है। किसे चाहिए यह सिक्का?