वीरान घर का रहस्य

राहुल हमेशा से शांत और एकांत पसंद करने वाला व्यक्ति था। शहर की भीड़भाड़ से दूर, उसे एक पुराना, जीर्ण-शीर्ण घर मिला, जो जंगल के किनारे बसा था। सस्ता था और उसकी कल्पना को पंख दे रहा था। उसने सोचा, इसे ठीक करके वह अपनी कला साधना करेगा। घर की खिड़कियां टूटी थीं, दीवारें काई से ढकी थीं और हवा में एक अजीब सी ठंडी, बासी गंध थी। स्थानीय लोगों ने उसे चेतावनी दी थी कि वह घर वर्षों से खाली पड़ा है और उसे ‘श्रापित’ माना जाता है। राहुल ने इन बातों को अंधविश्वास मानकर अनसुना कर दिया। उसने जल्द ही वहां रहने का फैसला कर लिया। पहली रात, उसने महसूस किया कि घर की चुप्पी कुछ ज़्यादा ही गहरी थी।

कुछ ही दिनों में, राहुल को अजीबोगरीब अनुभव होने लगे। रात के सन्नाटे में, उसे अक्सर ऊपर के खाली कमरे से हल्के कदमों की आहट सुनाई देती, जैसे कोई धीरे-धीरे चल रहा हो। कभी-कभी, रसोई से बर्तनों के खिसकने की आवाज आती, जबकि उसने सभी सामान सुरक्षित रख दिए थे। एक शाम, वह अपनी पेंटिंग में व्यस्त था जब उसने अपने पीछे से किसी के फुसफुसाने की आवाज सुनी। मुड़कर देखा तो कोई नहीं था, केवल ठंडी हवा का एक झोंका कमरे में फैल गया। राहुल ने अपने ब्रश नीचे रख दिए, उसका मन अब पहले जैसा शांत नहीं था। उसे लगा कि वह अकेला नहीं है।

एक रात, जब कदमों की आवाजें तेज़ हो गईं, राहुल ने टॉर्च उठाई और ऊपर के कमरे की ओर गया। कमरे में धूल की मोटी परत जमी थी, लेकिन फर्श पर ताजे पैरों के निशान थे जो एक पुरानी अलमारी की ओर जा रहे थे। उसने हिम्मत करके अलमारी खोली। अंदर उसे एक डायरी मिली, जिसके पन्ने पीले पड़ चुके थे। डायरी में उस घर के एक पुराने मालिक की कहानी लिखी थी, जिसने अपने परिवार को खो दिया था और पागलपन में आत्महत्या कर ली थी। अंतिम पन्नों में, मालिक ने लिखा था कि उसकी आत्मा शांति नहीं पाएगी, जब तक कोई उसके रहस्य को सुलझा नहीं लेता।

डायरी पढ़ते-पढ़ते राहुल के हाथ काँपने लगे। जैसे ही उसने आखिरी पन्ना पलटा, एक ठंडी साँस उसके कान के पास महसूस हुई। कमरे का तापमान अचानक गिर गया और हवा में सड़ी हुई मांस की गंध फैल गई। अलमारी का दरवाज़ा धीरे-धीरे अपने आप बंद हो गया। राहुल ने देखा, डायरी के आखिरी पन्ने पर स्याही से एक नया वाक्य उभर रहा था: “तुम अब इस घर से कभी नहीं निकल पाओगे।” उसकी टॉर्च टिमटिमाकर बुझ गई और अंधेरे में, उसे एक आकृति अपने सामने खड़ी महसूस हुई, जिसकी आँखें अँधेरे में चमक रही थीं। वह चिल्लाना चाहता था, लेकिन उसकी आवाज़ गले में ही फंस गई। उसे एहसास हुआ कि उसने सिर्फ एक घर नहीं खरीदा था, बल्कि एक भयावह अतीत को जगा दिया था।

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