Chudail ki Kahani Hindi : मेरा नाम अमित है। मैं आज ऑफिस से आया तो मुझे मेरी पत्नी का फोन आया कि हम सब शादी में जा रहे हैं। मेरे माता पिता और पत्नि तीनों एक शादी में गये थे।
मैं घर पहुंचा। पड़ोस से चाबी लेकर मैंने गेट खोला। खाना मैं बाहर से खाकर आया था। मैं कपड़े बदल कर अपने बेड पर बैठ कर एक किताब पढ़ने लगा। घर पर किसी के न होने का सबसे बड़ा फायदा यही होता है कि आप शांति से एक किताब पढ़ सकते हैं।
मैं किताब पढ़ ही रहा था कि मुझे खिड़की पर कोई साया दिखाई दिया – ‘‘इतनी रात में कौन आ सकता है? कहीं कोई चोर तो नहीं जो बंद घर समझ कर चोरी करने की फिराक में हो?
मैं यही सब सोच रहा था फिर मैंने उठ कर कमरे की लाईट ऑन की। इसके बाद मैं खिड़की के पास गया और चिल्लाया – ‘‘कौन है वहां?’’
लेकिन सामने से कोई उत्तर नहीं आया, तो मैंने डरते डरते खिड़की खोल कर देखा तभी मैंने देखा एक आदमी बाहर की ओर भाग रहा है। मैं जल्दी से मैनगेट खोल कर बाहर आया लेकिन तब तक वह काफी दूर जा चुका था।
अब मुझे पूरा यकीन हो चुका था कि वह चोर ही था। लेकिन अब तो वह जा चुका था। इस घटना से मेरी नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी। मेरा मन अब किताब में भी नहीं लग रहा था।
एक अन्जाना सा डर मेरे मन में बैठ चुका था। यह डर मेरे लिये नहीं था बल्कि कई बार मेरे माता पिता या मेरी पत्नी अकेली रहती थी। मुझे बाहर टूर के लिये जाना पड़ता था।